दोस्तों आज बात करते हैं "SAR वैल्यू" की, यह एक टेक्निकल शब्द है, इसका अर्थ होता है "Specific Absorption Rate" यानि विशिष्ट शोषण दर, यह एक मापक होता है जिसका उपयोग रेडिओ तथा वायरलेस उपकरणों द्वारा उत्पन्न विद्युत ऊर्जा के प्रतिशत को मापने के लिए किया जाता है, इसे एक मानक मापन पद्धति माना जाता है, जिसका प्रयोग कंपनियों द्वारा विभिन्न मोबाइल फ़ोन और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए विज्ञापन में किया जाता है।
मेरे व्यक्तिगत अनुभव की बात करें तो मेरे पास एक दिन एक मित्र ने यह सवाल पूछा था कि "SAR वैल्यू" क्या होता है और क्या यह हमारे स्वास्थ्य पर कोई असर डालता है? मुझे भी उस समय इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी, लेकिन मैंने इसे खोजकर उसे बताया कि यह विद्युत ऊर्जा के प्रतिशत को मापता है और किसी भी सामान्य इस्तेमाल में हमारे स्वास्थ्य पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देता हैं, हालांकि, इसका अधिक अध्ययन और अनुसंधान आवश्यक है ताकि हम स्वस्थ रहें और संबंधित सुरक्षा नियमों का पालन करें।
स्मार्टफ़ोन की SAR वैल्यू ज़्यादा होने से शरीर को नुकसान पहुंच सकता है: -
- ज़्यादा SAR वैल्यू वाले फ़ोन से निकलने वाला रेडिएशन शरीर को नुकसान पहुंचाता है.
- SAR वैल्यू की फ़ुल फ़ॉर्म है - स्पेसिफ़िक अब्ज़ॉर्प्शन रेट. यह वैल्यू बताती है कि फ़ोन से निकलने वाली रेडिएशन को शरीर कितना सोख रहा है.
- भारत में, फ़ोन की SAR वैल्यू 1.6 वाट प्रति किलोग्राम (W/kg) से ज़्यादा नहीं होनी चाहिए.
- ज़्यादा SAR वैल्यू वाले फ़ोन से निकलने वाले रेडिएशन से दिल की धड़कन अनियमित हो सकती है, दिमाग की याददाश्त प्रभावित हो सकती है.
- यह फ़र्टिलिटी पर भी बुरा असर डाल सकता है.
- कैंसर, आर्थराइटिस, अल्ज़ाइमर, और हार्ट डिज़ीज़ का खतरा बढ़ सकता है.
- एकाग्रता में कमी आ सकती है और आंखों से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं.
- फ़ोन को कान के सामने रखकर बात करने से भी नुकसान हो सकता है.
- फ़ोन की SAR वैल्यू चेक करने के लिए, आप किसी कोड को डायल कर सकते हैं. फ़ोन की SAR वैल्यू चेक करके आप सुरक्षित हो सकते हैं.
धन्यवाद और सुरक्षित रहें!