दरअसल ई-सिम मोबाइल फोन में लगने वाला वर्चुअल सिम होता है। यह सिम कार्ड की तरह नहीं होता है। यदि आप ई-सिम लेते हैं, तो आपको अपने फोन में किसी प्रकार का कार्ड नहीं डालना होता है। यह टेलीकॉम कंपनी के जरिए ओवर-द-एयर एक्टिवेट किया जाता है, लेकिन इसमें आपको सिम कार्ड जैसे फीचर्स मिलते हैं।
eSIM से होने वाले फायदे-
eSIM से हमे कई फायदे हैं उनमें सबसे पहला फायदा यह है कि इसकी मदद से हम किसी भी नेटवर्क पर बड़ी ही आसानी से स्विच कर सकते हैं और इसके लिए हमे सिम कार्ड पोर्ट करवा कर नई सिम कार्ड लेने की जरूरत नहीं होती है।
दूसरा फायदा यह है कि जब भी हमारा मोबाइल चोरी होता है तो अक्सर चोर सिम कार्ड को मोबाइल फ़ोन से निकाल देते है। ऐसे में मोबाइल फोन वापस मिलने के चान्सेस बहुत ही कम हो जाते हैं लेकिन eSIM कार्ड को मोबाइल फोन से निकाला नही जा सकता है जिसकी वजह से चोरी होने या गुमने की स्थिति में भी हमारा मोबाइल वापस मिल सकता है।
तीसरा सबसे बड़ा फायदा यह है कि eSIM में नेटवर्क सिग्नल कॉफी स्ट्रांग होता है। जिसकी वजह से नेटवर्क समस्या बहुत ही कम देखने को मिलती है। ऐसे में हमे कॉल और इंटरनेट का यूज़ करते समय बार बार नेटवर्क चले जाने की समस्या से छुटकारा मिल जाता है।
चौथा फायदा यह होता है कि eSIM होने की वजह से मोबाइल फोन में सिम पोर्ट या ट्रे नही मिलता है। जिसके कारण मोबाइल फोन काफी स्लिम और स्टाइलिश लगता है।
पाँचवा और सबसे बड़ा फायदा यह है कि eSIM होने की वजह से हमे सिम कार्ड के खोने या खराब हो जाने के झंझट से पूरी तरह छुटकारा मिल जाता है।
eSIM से होने वाले नुकसान-
eSIM से होने वाले नुकसान की अगर हम बात करे तो इसका सबसे बड़ा नुकसान यह होगा कि जिन लोगों को बार बार मोबाइल फोन बदलते रहने की आदत है या जो लोग आए दिन नया मोबाइल खरीदने के शौकीन हैं उनको मोबाइल फोन बदलने के साथ ही अपने eSIM की सर्विस को भी नए मोबाइल में एक्टिवेट करवाना होगा।
दूसरा नुकसान यह होगा कि अगर आपका मोबाइल फोन खराब या डेमेज हो जाता है तो ऐसे में आप अपनी eSIM को दूसरे मोबाइल फोन में लगाकर यूज़ नही कर सकते हैं क्योंकि यह पूरी तरह से मोबाइल के मदरबोर्ड पर काम करती है।
तीसरा नुकसान यह होगी कि अगर आपके मोबाइल फोन की बेट्री डिस्चार्ज हो जाती है तो इमरजेंसी होने पर भी आप eSIM को दूसरे मोबाइल फोन में लगाकर इस्तेमाल नही कर सकते हैं।